अमित शाह देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री हैं जो खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के गढ़ पहुंचे। दो दिन छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान उन्होंने नक्सलगढ़ में 24 घंटे बिताए। हिड़मा के गांव से नक्सलियों को ललकारा। शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ सहित देशभर से नक्सलवाद का सफाया कर देंगे।
शाह ने गुंडम में महुआ पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और यहां के ग्रामीणों से सीधे रूबरू हुए। गांव वालों ने उन्हें कोचई कांदा, तीखुर, बास्ता समेत अन्य देसी सब्जियां गिफ्ट की, जिसे वे अपने साथ दिल्ली लेकर गए।
अमित शाह दो दिनी छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। वे ज्यादा समय बस्तर में रहे। 14 दिसंबर की रात वे रायपुर पहुंचे। यहां रात रुकने के बाद अगले दिन 15 दिसंबर की सुबह राष्ट्रपति पुलिस कलर अवॉर्ड कार्यक्रम में शामिल हुए। जिसके बाद वे उसी दिन दोपहर 3 बजे जगदलपुर पहुंचकर बस्तर ओलिंपिक कार्यक्रम में शिरकत किए।
नक्सलियों को दी सीधी चेतावनी
मंच से उन्होंने नक्सलियों को चेताया और कहा कि हथियार डाल दो, अगर हिंसा की तो हमारे जवान निपटेंगे। अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलियों से मुक्त करने की डेड लाइन जारी कर दी है। सरेंडर्ड नक्सली, नक्सल हिंसा पीड़ित और शहीद हुए जवानों से मुलाकात की। अमित शाह जगदलपुर के अमर वाटिका भी पहुंचे और शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।
नक्सल मोर्च पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाया
गृहमंत्री शाह ने रात जगदलपुर में बिताई और अगले दिन यानी 16 दिसंबर की सुबह वे सीधे नक्सली कमांडर हिड़मा के गढ़ गुंडम गांव पहुंच गए। यहां नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से मुलाकात की उनका हौसला बढ़ाया। इसके बाद वे ग्रामीणों से मिले।
नक्सलगढ़ के गांवों तक पहुंचेगी सभी सुविधाएं
शाह ने लोगों से वादा किया कि एक साल के अंदर उनके गांव तक हर बुनियादी सुविधाएं पहुंचेंगी। आधार कार्ड, राशन कार्ड बनेंगे। बैंक में खाता खोला जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से बदले में उनका साथ और विश्वास मांगा। शाह ने गांव वालों से कहा कि, जब भी कोई ग्रामीण बीमार होए तो बेझिझक होकर सुरक्षाबलों के कैंप पहुंचे। यहां उनका इलाज होगा, मदद मिलेगी। जवानों के साथ फ्रेंडली रहें।
शाह ने बच्चों को पढ़ाया
गृहमंत्री गुंडम गांव के प्राथमिक शाला भी पहुंचे। यहां बच्चों से मिले। स्कूल का हाल जाना। उन्होंने बच्चों के परिजनों से कहा कि, उन्हें स्कूल भेजने बिल्कुल भी ढिलाई न बरतें। साथ ही जानवरों की तस्वीर दिखाकर उन्होंने बच्चों से उसका नाम पहुंचा। जिसका जवाब बच्चों ने दिया। गृहमंत्री ने गुंडम गांव में करीब 1 घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया।
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