ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू पर चीन के जासूस के करीबी होने का आरोप लगा है। प्रिंस एंड्रयू चीनी कारोबारी यांग टेंगबो के साथ करीबी संबंधों के चलते जांच के दायरे में हैं। यांग टेंगबों पर चीन के लिए जासूसी करने का आरोप है।
यांग टेंगबो को अब तक कोड नेम H6 के नाम से जाना जाता था। हालांकि, सोमवार को एक कोर्ट ने उसका नाम सार्वजनिक न करने के आदेश को हटा दिया था। इसके बाद यांग की पहचान सार्वजनिक की गई।
वहीं प्रिंस एंड्रयू ने यांग से संबंधों के आरोप के बाद शाही परिवार के क्रिसमस फेस्टिवल से दूर रहने के फैसला किया है। वे इस साल इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। प्रिंस एंड्रयू ब्रिटेन की पूर्व महारानी एलिजाबेथ के तीसरे बच्चे और वर्तमान किंग चार्ल्स के मझले भाई हैं। उन्हें ड्यूक ऑफ यॉर्क भी कहा जाता है।
कंसल्टेंसी फर्म के डायरेक्टर हैं यांग
यांग टेंगबो (50) को क्रिस यांग के नाम से भी जाना जाता है। यांग एक कंसल्टेंसी कंपनी हैम्पटन ग्रुप इंटरनेशनल के डायरेक्टर हैं। ये कंपनी चीन में ब्रिटेन की कंपनियों के उनके संचालन के लिए सलाह देने का काम करती है। यांग टेंगबो इससे पहले ब्रिटेन के पूर्व PM डेविड कैमरन और थेरेसा मे जैसे प्रमुख राजनेताओं के साथ देखे गए हैं। प्रिंस एंड्रयू ने चीनी कारोबारियों को बढ़ावा देने के लिए एक पिच एट पैलेस चाइना प्लेटफार्म बनाया था। यांग इस प्लेटफार्म में शामिल महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। यांग पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के लिए संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI-5 ने यांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने एजेंसी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यांग की अपील को खारिज कर दिया है।
प्रिंस एंड्रयू ने आरोपों पर सफाई दी
प्रिंस एंड्रयू के कार्यालय ने उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी है। कार्यालय ने बताया कि प्रिंस एंड्रयू ने यांग से आधिकारिक तौर पर मुलाकात की थी। प्रिंस ने यांग के साथ किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा नहीं की थी।
वहीं यांग ने सफाई देते हुए कहा है कि उसने ब्रिटेन में कोई भी गैरकानूनी काम नहीं किया है। यांग ने आरोप लगाया कि ब्रिटेन और चीन के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव का शिकार बनाया जा रहा है। हालांकि, ब्रिटिश PM कीर स्टार्मर ने हाल ही में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की इच्छा जाहिर की थी।
स्टार्मर ने पिछले महीने G20 के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की थी। वे 2018 के बाद शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले पहले ब्रिटिश PM हैं। हालांकि, विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चीन को ब्रिटेन के लिए बड़ा खतरा बताते रहे हैं।