कनाडा की डिप्टी PM और वित्तमंत्री क्रिस्टिया ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया है। क्रिस्टिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री PM जस्टिन ट्रूडो ने पिछले शुक्रवार को उनसे वित्तमंत्री का पद छोड़ दूसरे मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा था।
इससे नाराज होकर क्रिस्टिया ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ समय से ट्रूडो और वे फैसलों को लेकर सहमत नहीं हो पा रहे थे। क्रिस्टिया लंबे समय से ट्रूडो से की सबसे प्रभावशाली और वफादार मंत्री मानी जाती रही हैं।
हाल ही में ट्रूडों के नागरिकों को मुफ्त में 15 हजार रुपए देने पर क्रिस्टिया ने असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि कनाडा अमेरिका को होने वाले निर्यात पर टैरिफ की धमकी का सामना कर रहा है। ऐसे में अधिक खर्च करने से बचना चाहिए।
क्रिस्टिया अमेरिका से संबंधों की कमेटी की अध्यक्ष थीं
वित्तमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड अमेरिका के संबंधों पर बनी कैबिनेट कमेटी की अध्यक्ष भी थीं। ये कमेटी अमेरिका के संबंधों को बेहतर रखने और मामलों के समाधान के लिए काम करती है। क्रिस्टिया कल अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ की धमकी को लेकर बयान देने वाली थीं।
ट्रम्प ने कनाडा और मेक्सिको को धमकी दी है कि अगर वे प्रवासियों और ड्रग्स की तस्करी को नहीं रोकते हैं तो अमेरिका उन पर 25% टैरिफ लगाएगा। अपने बयान में क्रिस्टिया उन तरीकों के बारे में जानकारी देने वाली थीं, जिससे कनाडा को टैरिफ से बचाया जा सके।
ट्रांसपोर्ट मंत्री अनीता आनंद ने भी क्रिस्टिया के इस्तीफे पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि ये खबर झकझोर देने वाली है। मंत्री आनंद ने फिलहाल इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें पूरे मामले को समझने की जरूरत है।
कनाडा की प्रमुख विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवर ने कहा कि ट्रूडो ने सरकार पर नियंत्रण खो दिया है। वे सत्ता में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पियरे ने कहा कि अमेरिकी धमकी के समय देश का कमजोर पड़ना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
कनाडा में अगले साल होने हैं चुनाव
कनाडा में 2025 में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने हैं। ये चुनाव अक्टूबर से पहले कराए जाएंगे। वर्तमान प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि वह अगला चुनाव लड़ने के लिए लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, पार्टी के कई नेता ट्रूडो को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पसंद नहीं कर रहे हैं।
ट्रूडो चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर रहे हैं। कनाडा में पिछले 100 सालों में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार 4 बार चुनाव जीतकर नहीं आया है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी के पास संसद में अकेले के दम पर बहुमत नहीं है।
ट्रूडो पहली बार 2015 में प्रधानमंत्री चुनकर आए थे। उन्होंने अपनी पहचान उदारवादी नेता के तौर बनाने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि, पिछले कुछ समय से कनाडा में कट्टरपंथी ताकतों के पनपने, अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और कोविड-19 के बाद बने हालातों के चलते ट्रूडो को राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।