PM म्यूजियम की ओर से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेटर लिखा गया है, जिसमें उनसे नेहरू से जुड़े डॉक्यूमेंट्स वापस करने की मांग की गई है।
प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने सोमवार को कहा कि 2008 में UPA कार्यकाल में 51 बक्सों में भरकर नेहरू के पर्सनल लेटर सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। या तो सभी लेटर वापस किए जाएं, या फिर इन्हें स्कैन करने की इजाजत दी जाए, क्योंकि ये डॉक्यूमेंट्स पहले ही PM म्यूजियम का हिस्सा थे।
रिजवान ने कहा- 'सितंबर 2024 में भी मैंने सोनिया गांधी को लेटर लौटाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिलने पर मैंने अब राहुल को पत्र लिखा है।' राहुल गांधी को रिजवान ने 10 दिसंबर को लेटर लिखा था। हालांकि, इसकी जानकारी अब सामने आई है।
रिजवान ने जिन 51 बक्सों की बात कर रहे हैं, उनमें नेहरू के वे लेटर रखे हुए हैं, जो उन्होंने एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टाइन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे।
डॉक्यूमेंट्स के फोरेंसिक ऑडिट कराने की भी मांग
1971 में PM म्यूजियम को नेहरू के लेटर दिए गए थे। कादरी ने सितंबर में बताया था कि परिवार की प्रतिनिधि के तौर पर 2008 में सोनिया ने लेटर वापस बुलवाए थे। एक बार डोनेट किया गया सामान वापस नहीं किया जाता, फिर भी इन लेटर को वापस ले लिया गया था।
इन लेटर को वापस लेने के पीछे सोनिया की क्या मंशा थी, ये म्यूजियम को तब भी नहीं बताई गई थी। अब भी नहीं पता है। मुझे विश्वास है कि इन डॉक्यूमेंट्स की सुरक्षा के लिए सद्भावनापूर्वक ऐसा किया गया होगा, लेकिन मेरे जैसे इतिहासकार इन लेटर को खोजने में उत्सुक हैं।
हम चाहते हैं कि ये लेटर सुरक्षित रहें। हम यह भी चाहते हैं कि एक फोरेंसिक ऑडिट भी कराया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डॉक्यूमेंट्स के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि उन लेटर में ऐसा क्या लिखा था, जो गांधी परिवार नहीं चाहता कि वे बातें देश के सामने आएं। इस स्मारक में शुरू में सिर्फ नेहरू के ऐतिहासिक डॉक्यूमेंट्स ही मौजूद थे, जिनमें नेहरू के वर्ल्ड लीडर्स को लिखे लेटर शामिल थे।
बाद में पता चला कि 51 बक्से ऐसे भी थे, जिनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, जेपी नारायण और कई अन्य नेताओं को लिखे गए पत्र थे। अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल वाकई सोनिया गांधी से बात करेंगे कि वे इन पत्रों को देश को वापस लौटा दें।
2023 में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर PM म्यूजियम रखा गया था दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर 15,600 स्क्वायर मीटर में 306 करोड़ की लागत से बना प्रधानमंत्री संग्रहालय (PM म्यूजियम) देश के प्रधानमंत्रियों के नाम है और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का हिस्सा है। 15 जून, 2023 को हुई NMML सोसाइटी की एक मीटिंग में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रखने का फैसला किया गया था।