भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट केस में शामिल नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुकदमा जुवेनाइल बोर्ड में ही चलेगा। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने यह आदेश भोपाल के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की ओर से मांगे गए अभिमत पर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एनआईए एक्ट के तहत गठित विशेष अदालत में नाबालिग के खिलाफ ट्रायल नहीं चल सकता। हालांकि उस पर बोर्ड में वयस्क की तरह मुकदमा चलेगा।
घटना 7 मार्च 2017 की सुबह उज्जैन से भोपाल जा रही पैसेंजर ट्रेन में शाजापुर के जबड़ी स्टेशन के पास ब्लास्ट के रूप में सामने आई थी। धमाके में 9 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, कई यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई थी। शुरुआती जांच एसआईटी ने की थी, लेकिन 17 मार्च 2017 को मामला एनआईए को सौंपा गया। जांच में सामने आया कि ब्लास्ट आईएसआईएस से जुड़े आतंकियों ने किया था। मामले में मप्र और यूपी में छापेमारी कर कई आरोपी पकड़े गए थे।
2017 में पेश हुई चार्जशीट एनआईए ने 8 अगस्त 2017 को सैयद मीर हुसैन समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट भोपाल की सत्र अदालत में पेश की। आरोपियों में से एक नाबालिग था, इसीलिए उसका प्रकरण जुवेनाइल बोर्ड को सुनवाई के लिए भेजा गया। मामला देशद्रोह का था, इसलिए जिला सत्र न्यायाधीश ने अभिमत मांगा था।