राजधानी में मंत्रियों के 24 बंगलों पर बीते ढाई सालों में साज-सज्जा और मरम्मत पर 12.75 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री आवास पर इस अवधि में 1.10 करोड़ रुपए खर्च हुए। शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में 41 लाख, जबकि वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादव के 1 साल के कार्यकाल में 74 लाख रुपए खर्च हुए। इसमें से 35 लाख रुपए केवल साज-सज्जा पर खर्च हुए।
प्रह्लाद पटेल के बंगले पर 95 लाख का खर्च
मंत्रियों के बंगलों में सबसे अधिक खर्च 95 लाख रुपए कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित बी-7 बंगले पर हुआ। इसमें 71 लाख रुपए अतिरिक्त निर्माण पर लगे। इसके अलावा राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल के बंगले पर 71 लाख रुपए खर्च हुए।
सीएम कार्यालय पर खर्च हुए दो करोड़
बी-8 (सीएम कार्यालय) भवन पर 1.93 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
बी-1 बंगले पर 52 लाख रुपए।
विंध्य कोठी पर 40 लाख रुपए। (इसी बंगले पर19 लाख रुपए अतिरिक्त निर्माण पर लगे)।
बी-6 बंगला (शिवराज का पूर्व आवास) पर 34 लाख रुपए।
सबसे कम खर्च यहां...
सबसे कम खर्च पूर्व मंत्री राहुल लोधी के 45 बंगले पर हुआ। यहां महज 14,000 रुपए में ही सभी काम पूरे हो गए।
जिलों में मंत्रियों को बंगला नहीं
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह के बी-10 बंगले पर 59 लाख रुपए खर्च किए गए। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के बंगले पर 59 लाख रुपए से साज-सज्जा की गई।
चार इमली स्थित बी-9 बंगले पर 68 लाख, खर्च। यह अब डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के पास है। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रियों को उनके गृह जिलों में कोई सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया गया है।