तीन दिन की छुट्टियों के बाद सोमवार को एम्स की ओपीडी खुली, तो मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ओपीडी में सुबह से ही लंबी कतारें लग गईं। कुछ ही घंटों में 7000 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया। कुल 5475 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रबंधन ने गेट से ही मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी और केवल उन्हीं को प्रवेश दिया गया जिनके पास पहले से टोकन था।
भीड़ इतनी हो गई कि बिना टोकन के मरीजों को एम्स के ओपीडी ब्लॉक में प्रवेश से मना करना पड़ा। सबसे ज्यादा भीड़ जनरल मेडिसिन विभाग में रही। यहां 658 मरीज पहुंचे। डर्मेटोलॉजी में 511, ऑर्थोपेडिक्स में 497, गायनिक में 423, जनरल सर्जरी में 276 और इमरजेंसी में 103 मरीज पहुंचे।
अस्पतालों को फ्लेक्सिबल स्टाफिंग प्लान बनाना चाहिए
एम्स प्रबंधन ने बताया कि छुट्टियों के बाद भीड़ बढ़ने का अनुमान था। इसलिए टोकन सिस्टम लागू किया गया। कुछ विभागों में डॉक्टरों की संख्या कम होने से वेटिंग ज्यादा रही। एम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि जब लगातार तीन दिन ओपीडी बंद रहती है, तो चौथे दिन सामान्य से तीन गुना मरीज आते हैं। ऐसे में अस्पतालों को फ्लेक्सिबल स्टाफिंग प्लान बनाना चाहिए, ताकि इस तरह की भीड़ को संभाला जा सके।
4 घंटे का इंतजार : अशोका गार्डन से आए बुजुर्ग कैलाश यादव ने बताया कि वह सुबह 5 बजे लाइन में लग गए थे। टोकन मिला, लेकिन गर्मी में बाहर इंतजार करना पड़ा। मेडिसिन, गायनी और डर्मा विभाग में लाइनें 40 से 50 नंबर तक खिंच गईं। कई मरीजों को 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
बाहर से ही रोक रहे: शिवाजी नगर निवासी रेखा पांडे ने बताया कि पहले हम सीधे अंदर आते थे, वहां से टोकन लेते और फिर काउंटर पर जाकर पर्चा बनवाते थे। अब तो गेट पर ही गार्ड पूछते हैं कि टोकन है या नहीं। जिनके पास टोकन नहीं है, उन्हें अंदर जाने ही नहीं दे रहे।