कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट को दिए जाने वाले स्टडी परमिट की संख्या में कटौती की है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2025 की पहली तिमाही में भारतीय स्टूडेंट को दिए गए परमिट में 31% की गिरावट आई है।
इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च 2025 के बीच सिर्फ 30,640 स्टूडेंट को स्टडी परमिट दिया गया। जबकि 2024 में इसी अवधि के दौरान यह संख्या 44,295 थी।
जनवरी 2025 में, कनाडा की आबादी 4 करोड़ 15 लाख थी, जिसमें अस्थायी निवासियों की संख्या 3 करोड़ 2 लाख थी। यह लगभग 7.25% है। कनाडा सरकार इसे 2028 तक 5% से कम पर ले जाना चाहती है।
यही वजह है कि IRCC ने 2025 के लिए स्टडी परमिट की लिमिट 437,000 कर दी है, जो 2024 के मुकाबले 10% कम है। यह सीमा 2026 तक लागू रहेगी।
कनाडा आने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट 40% तक कम हुए
कनाडा ने साल 2023 से ही इंटरनेशनल स्टूडेंट की संख्या को कम करने के लिए कोशिश शुरू कर दी थी। कनाडा ने 2023 में कुल 6.81 लाख स्टडी परमिट जारी किए, जिनमें से 2.78 लाख भारतीय छात्रों के लिए थे।
2024 में कुल परमिट की संख्या घटकर 5.16 लाख हो गई, जिसमें 1.88 लाख भारतीय छात्र थे। इसके कारण कनाडा में आने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट की संख्या में लगभग 40% की कमी आई है।
कनाडा में एडमिशन लेना मुश्किल हुआ
कनाडा दो ग्रुप में परमिट देगी। जिसके लिए प्रांतीय सत्यापन पत्र (PAL) या क्षेत्रीय सत्यापन पत्र (TAL) जमा करना होगा। कनाडा सरकार ने स्टडी परमिट आवेदनों के लिए कई नए नियम लागू किए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया को और सख्त बनाते हैं।
इन सख्त नियमों के कारण, कनाडा में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आई है। IDP एजुकेशन के मार्च 2025 के सर्वेक्षण के अनुसार, कनाडा अब भारतीय छात्रों की पहली पसंद नही रह गया है। सिर्फ 13% छात्र कनाडा में पढ़ाई करना चाहते है, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 19% था। जबकि ऑस्ट्रेलिया (28%) और अमेरिका (22%) को लेकर लोकप्रियता बढ़ी है।