विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को धार्मिक कट्टरपंथी बताया है। उन्होंने गुरुवार को एक डच समाचार पत्र डे वोल्क्सक्रांत को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर के विचारों और व्यवहार में धार्मिक कट्टरता साफ नजर आती है।
मुनीर यह दिखावा न करें कि वे आतंकवाद से पीड़ित हैं। पाकिस्तान सरकार और सेना सीमा पार आतंकवाद में पूरी तरह शामिल है।
जयशंकर ने असीम मुनीर के भाषण का भी जिक्र किया। इसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए गले की नस बताया था। मुनीर ने कहा था कि पाकिस्तान के लोग कभी भी यह नहीं भूल सकते कि वे हिंदुओं से अलग हैं।
मुनीर ने बच्चों को जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत की कहानी सुनाने की वकालत की थी, ताकि वे समझ सकें कि बंटवारा क्यों हुआ था। इस घटना के 5 दिन बाद ही पहलगाम आतंकी हमला हुआ।
जयशंकर ने कहा- पहलगाम में हुआ हमला एक बर्बर कृत्य था, जिसका मकसद कश्मीर में टूरिज्म को नुकसान पहुंचाना और धार्मिक विवाद को भड़काना था। जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया। उन्होंने कहा वहां एक्टिव आतंकी गुटों को पाकिस्तानी सरकार से सपोर्ट मिलता है।
जयशंकर बोले- भारत-पाकिस्तान ने आपसी बातचीत से गोलीबारी रोकी
नीदरलैंड्स की मीडिया को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सीधे बातचीत हुई थी।
उन्होंने बताया कि भारत ने सभी देशों को यह साफ बोल दिया था कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी बंद करना चाहता है, तो उसे भारत के जनरल को फोन करके यह बताना होगा।
अमेरिका की जंग रोकने में भूमिका के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हो रहा था, अमेरिका समेत कई देशों ने समझौते की कोशिश की थी।
अमेरिका सिर्फ अकेला ऐसा देश नहीं था। कुछ और देश भी बातचीत कर रहे थे, लेकिन मैं यह साफ करना चाहता हूं कि गोलाबारी रोकने का फैसला भारत और पाकिस्तान ने आपसी बातचीत के बाद लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 7 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को सुलझाया है।
हालांकि विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उनसे बात की थी। वहीं उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को फोन किया था।